"If you are neutral in situations of injustice you have chosen the side of the oppressor."
-Desmond Tutu
सपने देखने का हक़ सबको होता है, मैं भी सपने देखता हूँ, आप भी अपने लिए कुछ न कुछ सपने देखते ही होंगे और ठीक उसी तरह हमारे माता-पिता, भाई-बहिन भी हमारे लिए कुछ सपने देखते है और इन सपनो को सिर्फ देखते ही नहीं है बल्कि पूरा करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करते है और सपने पूरा ना होने पर हम काफी दुखी भी होते है और हमारे साथ हमारे परिवारजन भी दुखी होते है फिर हम अपने आप को समझा लेते है की अपने से कुछ गलती हो गयी होगी तो हम इस गलती को सुधार लेंगे लेकिन क्या हो की किसी ओर इंसान ने आपके सारे सपने और आपके पुरे परिवार के सपनो को अपनी हवस मिटाने के लिए तोड़ दिये हो और बुरी तरह से तोड़ दिये हो की वो अब कभी भी पुरे नहीं हो सकते चाहे आप कुछ भी कर लो। ऐसा ही एक हादसा उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गाँव में एक परिवार के साथ हुआ। यहां सपनों को तोड़ा ही नहीं, मार दिया गया है।
इमेज क्रेडिट: टाइम्स ऑफ़ इंडिया
14 सितम्बर को दिन में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के एक गाँव में 19 वर्षीय दलित लड़की का सर्वण ठाकुर जाति के चार लड़को (संदीप, रामू, रवि और लवखुश) ने सामूहिक बलात्कार किया। कुछ भी आगे लिखने से पहले बता दूँ कि बलात्कार पीड़िता की पहचान बताना एक अपराध है, फिर भी कुछ चैनल, अख़बार और सोशल मीडिया बलात्कार पीड़िता का नाम और पहचान बता रही है। न्यूज़लौंडरी की खबर मुताबिक 14 सितम्बर के दिन पीड़िता अपनी माँ और भाई के साथ खेत में चारा लेने गयी थी और इस दिन भाई कुछ काम की वजह से जल्दी घर आ जाता है तो खेत में सिर्फ पीड़िता और उसकी माँ रह जाते है। थोड़ी देर बाद खेत में काम करने के बाद माँ को पीड़िता नहीं दिखाई देती है तो वो उसे आवाज़ लगाती है और ढूंढ़ने लगती है तब पीड़िता की माँ को खेत में उसकी बेटी की चप्पलें दिखायी देती है और पास में ही किसी को घसीट के ले जाने के निशान दिखायी देते है वो निशानों की तरफ़ बढ़ती है तो देखती है की उनकी बेटी बाजरे के खेत में नग्न अवस्था में पड़ी हुई है जिसके मुँह से, गर्दन से और योनि से खून निकल रहा था। बाद में पता चला की पीड़िता का बलात्कार किया गया और उसे पीटा गया जिसमें उसकी जुबान कट गयी थी, गर्दन की 3 हड्डियां और रीढ़ की हड्ड़ी भी टूट गयी थी।
शुरू में पीड़िता को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था जहां से उसे अलीगढ मेडिकल कॉलेज रेफ़र कर दिया गया था और यहां 13 दिनों तक वेंटीलेटर पर रही, फ़िर उसे 28 तारीख को सफदरजंग दिल्ली अस्पताल लाया गया जहां उसने 29 तारीख को दम तोड़ दिया। पीड़िता की मौत होने के बाद पीड़िता का शव परिजनों को नहीं दिया गया और इसलिए परिवार वालो ने अस्पताल के बाहर अपनी ही बेटी की लाश लेने के लिए धरना दिया और धरने के बीच में ही पुलिस परिवारों वालो को जबरदस्ती गाड़ी में बैठाकर पीड़िता के गाँव ले आयी जहां पुलिस वाले पीड़िता की लाश को भी ले के आये और परिवार वालो से कहा की रात में ही पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दो लेकिन परिवार वालो ने मना कर दिया उन्होंने कहा की वो सुबह ही अंतिम संस्कार करेंगे क्योंकि हिन्दू रीति रिवाज़ के मुताबिक सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार नहीं करते। लेकिन पुलिस नहीं मानी तो पीड़िता की माँ ने उनके आगे भीख मांगी, जी हाँ भीख वो भी अपनी ही बेटी को अंतिम बार अपने घर में ले जाकर देखने की, यह भी पुलिस ने नहीं माना। सुशांत सिंह राजपूत के परिवार ने सीबीआई जाँच और ईडी की जाँच की मांग की थी और उनकी मांगो को माना भी गया लेकिन इस केस में तो परिवार वाले बस अपनी बेटी को अंतिम बार देखना चाहते थे। माता-पिता को अपनी ही बेटी को अंतिम बार देखने भी नहीं दिया गया, समझ नहीं आता क्यों? क्या सिर्फ इसलिए कि यह गरीब है और दलित भी है तो इनको आसानी से दबाया जा सकता है? सवाल तो बहुत कुछ है लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं है।
इस केस में उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान शुरू से ही है क्योंकि पहले तो उन्होंने परिजनों को भगा दिया था फिर फेक न्यूज़ बताकर घटना को दबाने की कोशिश की। पीड़िता के परिजन पुलिस के पास गए लेकिन पुलिस ने उनकी कोई सहायता नहीं की, 4-5 दिन तक पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया, फिर जनता का गुस्सा देखने के बाद पुलिस ने एक्शन लिया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 8 दिनों तक सामूहिक बलात्कार की धारा दर्ज नहीं की थी और 10 दिनों तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया था हालाँकि अभी चारो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस का तो यह भी कहना है की बलात्कार ही नहीं हुआ था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का अब बयान आया है पूरे 15 दिनों के बाद की आरोपियों को कड़ी सजा दी जायेगी और SIT (Special Investigation Team) बनाई है जो इस केस की जांच करेगी। लेकिन सवाल तो यह है कि हम कैसे उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश प्रशासन पर भरोसा कर ले जिन्होंने एक परिवार को अपनी बेटी के अंतिम दर्शन तक नहीं करने दिए और ना ही इस केस को शुरू से गंभीरता से लिया, अगर लेते तो शायद आज पीड़िता जिंदा होती। इसलिए इस केस को सीबीआई को सौंप देना चाहिए। एक ट्रैक्टर को जला दिए जाने पर हमारे प्रधानमंत्री उसकी निन्दा करते है लेकिन एक बेटी को बेरहमी से मारा गया लेकिन प्रधानमंत्री जी अभी तक कुछ नहीं बोले है। केरल में एक हाथिनी की मृत्यु हो गई थी जो कि किसी ने जान बूझकर नहीं की थी, तब भारत सरकार और भारतीय मीडिया ने केरल सरकार की कड़ी आलोचना की थी और केरल सरकार को कहा था की इस केस को वो पहले प्राथमिकता दे और जल्द से जल्द रिपोर्ट हमे दे। लेकिन क्या आपने हाथरस केस में ऐसा कही पढ़ा या सुना है?
यह कैसा समाज बना रहे है हम जहां ट्रैक्टर और हाथिनी इंसान की जान से ज्यादा जरूरी हो गए है। पुलिस का काम नागरिकों को सुरक्षित महसूस कराना है लेकिन यहां तो पुलिस ने ही नागरिकों को असुरक्षित महसूस कराया है। आप ही सोचिए जब उस मां ने अपनी बेटी को उस अवस्था में देखा होगा तब उसपे क्या गुजरी होगी, क्या वो तस्वीर उस मां को ज़िन्दगीभर दुख नहीं देगी, क्या वो अब कभी सुकून से सी भी पायेगी? ऐसे ही कुछ और सवाल है- क्यों पुलिस ने इस केस को गंभीरता से नहीं लिया? क्यों पीड़िता को पहले ही दिल्ली नहीं ले जाया गया? क्यों पुलिस ने परिवार वालो को अंतिम बार उनकी बेटी को देखने भी नहीं दिया? क्यों पुलिस इतनी जल्दी में थी? इन सवालों के जवाब आपको मिले तो बताना, मुझे तो फ़िलहाल एक ही जवाब मिला है कि यह परिवार गरीब परिवार है और दलित वर्ग से आता है इसलिए इनके साथ ऐसा हुआ।
स्रोत:
- https://www.newslaundry.com/2020/09/29/hathras-rape-case-naming-a-rape-victim-is-a-crime-yet-that-wont-stop-users-on-twitter
- https://www.newslaundry.com/2020/09/29/help-us-get-justice-please-dalit-girl-assaulted-in-ups-hathras-succumbs
- https://theprint.in/india/hathras-dalit-woman-who-was-gang-raped-and-assaulted-dies-at-safdarjung-hospital/512611/
- https://www.ndtv.com/india-news/woman-gang-raped-and-assaulted-in-ups-hathras-two-weeks-ago-dies-in-delhi-hospital-2302445
- https://www.bbc.com/hindi/india-54337132.amp
- https://hwnews.in/news/national-news/tongue-cut-and-spine-broken-hathras-gangrape-victim-loses-battle-for-life-after-two-weeks/144521
- https://www.ndtv.com/india-news/up-hathras-rape-victim-cremated-by-cops-family-begged-to-pay-last-respects-2303004?amp=1&akamai-rum=off
- https://twitter.com/TanushreePande/status/1311035509246894080?s=08
- https://www.indiatoday.in/amp/india/story/no-proof-of-rape-tongue-being-cut-in-hathras-case-up-police-1726707-2020-09-29
- https://indianexpress.com/article/india/hathras-gangrape-up-cm-yogi-adityanath-forms-sit-to-investigate-incident-asks-for-report-within-7-days-6643212/
- https://theprint.in/india/elephant-death-inhumane-modi-govt-asks-kerala-to-identify-officers-who-acted-irresponsibly/435829/
Itni dardnaak mout do inhe ki Inka haaal dekhke ASA KRne walo ki ruh kaaap Jaye 😐😑#justice #suspend police
ReplyDeleteGussa aa rha hai na, gussa aana bhi chahiye lekin gussa hme shi jgh nikalna chahiye, apne aap ko educate krke sarkar se sawal puchne chahiye, vrna Hyderabad vaale case me aaropiyo ka encounter kiya gya tha lekin kya uske baad rapes hone km huye kya, nhi na, hme bdla nhi bdlav laana pdega uske liye sbko milkr aawaz utani pdegi
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